सब नेशनल टीबी फ्री सर्टिफिकेशन 2022: पंजाब
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सब नेशनल टीबी फ्री सर्टिफिकेशन 2022: पंजाब

सब नेशनल टीबी फ्री सर्टिफिकेशन 2022: पंजाब

सब नेशनल टीबी फ्री सर्टिफिकेशन 2022: पंजाब

चंडीगढ़, 16 मार्च
डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. जीबी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने वैश्विक एसडीजी समय सीमा से पांच साल पहले 2025 तक टीबी के नए मामलों की घटनाओं को 80% तक कम करके टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस साल हमारे पांच जिलों फरीदकोट, फिरोजपुर, मोगा, रूपनगर और तरनतारन ने कांस्य श्रेणी के लिए अपने दावे पेश किए हैं और एनआईई (आईसीएमआर), आईएपीएसएम और डब्ल्यूएचओ द्वारा सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है और परिणामों की प्रतीक्षा है। इस प्रक्रिया में पंजाब को विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकारों जैसे आजमगढ़ डिवीजन के डॉ. दिनेश बालिगा, प्रयागराज डिवीजन से डॉ. तृष्णा मोहंती और उत्तर प्रदेश, कानपुर डिवीजन से डॉ. डिंपल पांचाल द्वारा सहायता प्रदान की गई है। पंजाब के डब्ल्यूएचओ सलाहकार जैसे डॉ. सतीश कुमार मांझी और डॉ. पूजा कपूर ने भी पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। इन सलाहकारों को आज यहां एक अनौपचारिक बैठक के दौरान पंजाब हैल्थ हैडक्वार्टर में डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं की तरफ से सम्मानित किया गया।
पंजाब टीबी सेल के इंचार्ज डॉ. राजेश भास्कर ने कहा कि सबूत से पता चलता है कि देश भर में टीबी के बोझ में व्यापक अंतर है और टीबी को खत्म करने के लिए इस रास्ते में जिलों की तरफ से किए जा रहे प्रयासों का स्तर अलग-अलग है और इस लिए अच्छी कार्यगुजारी वाले राज्यों, जिलों को सम्मानित किया जाना चाहिए।
सब नैशनल सर्टीफिकेशन मानदंड स्थापित करने, दावों की पूर्व ज़रूरतों के मुल्यांकण और जिलों और राज्यों की तरफ से पहचान के लिए विस्तृत प्रक्रिया और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से एक स्वतंत्र एजेंसी, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इसकी वेरीफिकेशन करने की एक सावधानी के साथ तैयार करने की प्रक्रिया है, जिसके बाद सर्टीफिकेशन और पुरस्कार दिया जाता है।  
एक जिले या राज्य को "टीबी मुक्त" दर्जा प्राप्त करने के लिए बताए गए उदेश्यों (एसडीजी फ्रेमवर्क के मुताबिक 2015 से टीबी की घटनाओं में 80 प्रतिशत कमी) को पूरा करना पड़ता है।